तुम सहयोग करती हो मुझे आराम रहता है सच्चे हमसफर का यही पहचान रहता है कभी जब टूट जाता हूं मुझे तुम थाम लेती हो मंजिल तक पहुंचने का सही रास्ते की पहचान देती हो
मुझे लोग यूं ही बदनाम करते हैं कोई मेरे दिल में झांककर नहीं देखता हम सच्चे और शरीफ कितने हैं कुछ ऐसे इंसान हैं जो बाहर से देखकर हकीकत की परख करने में जुट जाते हैं मगर यह नहीं सोचते असली राज अंदर छुपा रहता है